ख़ास ख़बर ताज़ा ख़बर राजनीति

कांग्रेस (congress) की विरासत वाले अमेठी(amethi) ज़िले की गौरीगंज (gauriganj) सीट का यह है पूरा लेखा जोखा

आदित्य शुक्ला अमेठी

क़ौमी रिपोर्टर:अमेठी (amethi) जिले की गौरीगंज (gauriganj) विधान सभा सीट सूबे की राजनीति में काफी मायने रखती है. ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्र होने के बाद भी यहां अब तक क्षत्रिय ने सर्वाधिक समय तक राज किया है. मौजूदा समय में भी समाजवादी पार्टी से राकेश प्रताप सिंह (rakesh pratap singh)विधायक हैं. दो पंचवर्षीय से इस सीट पर सपा का कब्जा है. वहीं कांग्रेस दो दशक से यहां जीत के लिए संघर्ष कर रही है. जबकि भाजपा तीसरे स्थान पर रही है. देखना दिलचस्प होगा कि इस बार राकेश प्रताप सिंह अपनी जीत की हैट्रिक लगा पाते है या यहां की जनता किसी और को विधानसभा पहुँचाएगी.

यह है गौरीगंज का राजनीतिक सफर

गौरीगंज विधान सभा क्षेत्र 185 अमेठी जिला का मुख्यालय है. 1974 से अब तक यहां कांग्रेस पांच बार और बीजेपी से चार बार विधायक निर्वाचित हुए हैं. वहीं बसपा और समाजवादी पार्टी के क्रमशः एक और दो बार विधायक निर्वाचित हुए है. पिछले तीन चुनाव परिणाम पर गौर करें तो पता चलता है कि वर्ष 2007 में बहुजन समाज पार्टी से चंद्र प्रकाश मिश्र मटियारी 34,386 मत पाकर चुनाव जीते थे. वहीं कांग्रेस के मुहम्मद नईम 28,398 मत पाकर दूसरे स्थान पर थे. वहीं इस चुनाव में कांग्रेस के गढ़ में लगातार चार बार कमल खिलाने वाले तेजभान सिंह चुनाव हार कर तीसरे स्थान पर पहुचं गए थे.

कांग्रेस प्रत्याशी हार के बावजूद रहे मज़बूत

सपा के जंग बहादुर इस चुनाव में 17,231 मत पाकर चौथे स्थान पर थे. वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा के राकेश प्रताप सिंह 44,287 मत प्राप्त कर विधानसभा पहुंचे थे. इस बार भी कांग्रेस के मोहम्मद नईम 43,784 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर थे. वहीं, बीजेपी के तेजभान सिंह 34,893 मत पाकर तीसरे स्थान पर थे. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में राकेश प्रताप सिंह 77,915 मत पाकर चुनाव पुनः जीत गए. इस बार भी कांग्रेस के मुहम्मद नईम 51,496 मत प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे. वहीं इस चुनाव में बसपा के विजय किशोर तिवारी 33,848 मत हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे.

वहीं भाजपा से उमाशंकर पांडेय 23642 मत हासिल कर चौथे स्थान पर रहे. इस दौरान रालोद से रवीन्द्र प्रताप द्विवेदी को 1876 मत हासिल हुई थे। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या सपा के राकेश प्रताप सिंह अपनी जीत की हैट्रिक तीसरी बार बना पाते हैं या नहीं।

भाजपा के लिए सबसे कठिन सीट है गौरीगंज

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों में उम्मीदवारों की लाइन लगी हुई है. उम्मीदवारों की सबसे लंबी फेहरिस्त भाजपा में ही दिखाई पड़ रही है. कई दलों के लोग भाजपा में शामिल हो गए हैं और टिकट की लाइन में खड़े हैं वहीं पूर्व विधायक चन्द्र प्रकाश मिश्र माटियारी, पूर्व विधान सभा प्रत्याशी विजय किशोर तिवारी, प्रियंक हरिविजय तिवारी, जिला अध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी, डॉ. अनिल मिश्र,पूर्व विधायक तेज भान सिंह,राघवेंद्र सरकार, रवीन्द्र प्रताप द्विवेदी कपूर, प्रमुख टिकटार्थी है.

ऐसे में उम्मीदवार का चयन करना भाजपा के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा. बताते चलें कि सबसे ज्यादा सामान्य जाति के मतदाता इस विधानसभा क्षेत्र में है जो चुनाव की हार जीत में अहम भूमिका निभाते हैं. दूसरे नंबर पर पिछड़ी जाति व तीसरे स्थान पर अनुसूचित जाति के मतदाता हैं।

दो दशक से कांग्रेस मुस्लिम प्रत्याशी पर लगा रही है दांव

कांग्रेस पार्टी में भी उम्मीदवारों की फेहरिस्त कम लंबी नहीं है.
विधानसभा क्षेत्र गौरीगंज में कांग्रेस के कई प्रत्याशी चुनावी मैदान में डटे हुए हैं. इनमें से ज़्यादातर अपने टिकट की दावेदारी पक्की बता रहे हैं. इनमें राजू पंडित, रवि दत्त मिश्रा,अरुण मिश्रा, योगेंद्र मिश्रा, सदाशिव यादव, फतेह बहादुर, मोहम्मद नईम, राजकुमार यादव सहित कई अन्य लोग टिकट पाने की लाइन में है. गौरतलब पहलू यह भी है कि कांग्रेस ने या तो इस सीट से जीत दर्ज की है या  दूसरे स्थान पर रही है. यहां कांग्रेस पिछले दो दशक से मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार रही है. इस बार देखना होगा कि कुछ बदलाव होता है या फिर मुस्लिम चेहरा ही मैदान में आता है.

अभी तक बसपा और सपा के पास हैं सिंगल प्रत्याशी

समाजवादी पार्टी से अभी तक राकेश प्रताप सिंह के अलावा कोई चेहरा सामने नहीं आया है. पिछले एक दशक से इस सीट पर राकेश प्रताप सिंह काबिज हैं. बताते चलें कि प्रदेश में 2017 की मोदी लहर भी राकेश प्रताप सिंह के किले को हिला नहीं पाई थी. वहीं, बसपा से राम लखन शुक्ल का नाम चर्चा में चल रहा है. अभी तक बसपा से किसी अन्य प्रत्याशी का नाम सामने नहीं आया है।

ये हैं यहां की प्रमुख समस्याएं

गौरीगंज विधान सभा के मुसाफिरखाना में दो सड़कों के पुनर्निर्माण को लेकर राजनीतिक उठा पटक चल रही है. यहां तक कि इसे लेकर  सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह विधान सभा की सदस्यता से त्याग पत्र भी दे चुके हैं. इसके बावजूद अभी तक सड़कों का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधाएं भी अच्छी नहीं है.

नहीं मिलीं अब तक ज़िले वाली सुविधाएं

अस्पताल में लोगों का समुचित इलाज नहीं हो पाता है. अमेठी जिला तो बन गया है, लेकिन यहां जिला स्तर की सुविधाओं से लोग वंचित हैं. जिला मुख्यालय पर एक बस स्टाप भी नहीं बन सका है. दीवानी न्यायालय और जेल भी जिले में नहीं है. लोगों को पड़ोसी जनपद में जाना पड़ता है. वहीं किसानों की बात करें तो उनकी सबसे बड़ी समय छुट्टा मवेशी है जो उनकी फसलों को नष्ट कर देते हैं।

संबंधित पोस्ट

सात इंडोनेशियाई जमातियों के बाद थाइलैंड के भी नौ जमाती अपने मुल्क के लिए रवाना, कोर्ट ने बताया बेकसूर

Qaumi Reporter

नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 28 मई को करेंगे संवाद

Qaumi Reporter

सेवाभाव से अल्पसंख्यकों का दिल जीत रहे हैं जुनेद आलम

Qaumi Reporter

Leave a Comment